अमोढ़ा-बस्ती: पौराणिक स्थल रामरेखा मंदिर, अमोढ़ा-छावनी !!
![Ramrekha Mandir](https://i0.wp.com/www.khaspress.com/wp-content/uploads/2018/09/ramrekha-mandir.jpg?resize=860%2C280)
हर्रैया के विधायक अजय सिंह ने 60.91 लाख की लागत से पर्यटन विकास योजनान्तर्गत चौरासी कोसी परिक्रमा के पहले पड़ाव, ऐतिहासिक व पौराणिक स्थल रामरेखा मंदिर (Ramrekha Mandir), अमोढ़ा-छावनी में पर्यटन विकास कार्य तथा राज्य वित्त आयोग के अंतर्गत राम रेखा मंदिर पर शिलान्यास किया।
रामरेखा बहुत ही पौराणिक स्थल है इस स्थान पर स्वयं भगवान श्रीराम ने विवाहोपरांत जनकपुर से लौटते समय यहाँ विश्राम किया था, भगवान श्रीराम माता सीता जी के साथ जिस रास्ते से आये वो राम जानकी मार्ग विश्वविख्यात है और किसी से छुपा नहीं है।
आज सभी पत्रकारों व स्थानीय लोगों की मौजूदगी में २००० वर्षों से अधिक पुराना पत्थर जो की रामरेखा नदी तट स्थापित है को देखकर लोग हैरान रह गए हलांकि अमोढ़ा गांव वालों का तो ये बहुत पहले से देखा हुआ है !!
अमोढ़ा व आसपास के गांव के लोग बताते हैं की राजा ज़ालिम सिंह के राज्य अमोढ़ा के चारो तरफ यानि चारो दिशा में ४ प्रसिद्ध मंदिर हैं, जिनके नाम अपनी जानकारी के लिए नीचे लिखे गए हैं।
१. रामरेखा मंदिर
२. चतुर्भुजी मंदिर
३. कोटही माता मंदिर
४. झारखंडी शिव मंदिर
ये चारो ही मंदिर किसी न किसी पौराणिक वजह से बहुत ही फेमस हैं, बहुत ही किस्मत वाले लोगों को ऐसे चारो तरफ से पौराणिक स्थलों से घिरे जगह पर रहने का अवसर प्राप्त होता है।
सुनिए क्या कहना विधायक अजय सिंह का रामरेखा मंदिर के बारे में – विधायक जी का ये भी कहना है की जब तक भगवान श्रीराम के उद्भव स्थली मखौड़ा में मंदिर नहीं बन जाता तब तक अयोध्या में राम मंदिर का बन पाना नामुमकिन है हलांकि ये उनका आस्था और विश्वास से जुड़ा जबाब था !!
अब देखना ये है की ये शिलान्यास के बाद कितना कार्य रामरेखा अमोढ़ा में होता है, अगर विधायक जी ने रामरेखा मंदिर (Ramrekha Mandir) निर्माण में सहयोग किया तो छावनी-अमोढ़ा क्षेत्र वाले लोगों का कहना है की वो भी पीछे नहीं रहेंगे हर कोई एक बोरी सीमेंट व ईंटा देकर जरूर सहयोग करेंगे !!
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