बस्ती: अमोढ़ा राज्य में स्थित प्राचीन चतुर्भुजी मंदिर !!

Chaturbhuji Mandir Amorha

बस्ती: अमोढ़ा राज्य के छावनी थाना क्षेत्र में स्थित प्राचीन चतुर्भुजी मंदिर (Chaturbhuji Mandir Amorha) प्रांगण में बुढ़वा मंगल के दिन हर वर्ष मेला लगता है। वैसे तो हर मंगलवार को लोग चतुर्भुजी बाबा अर्थात चतुर्भुज भगवान के दर्शन करने के लिए आते है लेकिन बुढ़वा मंगल के दिन एक बड़े मेले का आयोजन होता है।आज मेले में दूर दराज से आए लोगों ने चतुर्भुजी बाबा अर्थात चतुर्भुज भगवान का दर्शन कर मनोवांछित फल का वरदान मांगा। मंगलवार को अमोढ़ा खास गांव में स्थित प्राचीन चतुर्भुजी मंदिर के अलावा कोटही माता के मंदिर भी में बुढ़वा मंगल मेला लगता है। मेले का आयोजन चतुर्भुजी मंदिर के बाबा व मंदिर के अन्य सदस्यों के अगुवाई में किया जाता है। अमोढ़ा गांव के लोगों से बात करने पर लोगों ने बताया कि बुढ़वा मंगल मेले का आयोजन सैकड़ों वर्षों से होता चला आ रहा है। लोग चतुर्भुजी बाबा अर्थात चतुर्भुज भगवान का दर्शन करने व आशीर्वाद लेने के बाद मेले में खरीदारी भी करते हैं।

अमोढ़ा व आसपास के गांव के लोग बताते हैं की चतुर्भुजी बाबा अर्थात चतुर्भुज भगवान कलयुग में साक्षात् प्रकट होकर राजा ज़ालिम सिंह के गायों का दूध पी जाते थे।

चरवाहों के द्वारा पता लगने पर राजा ज़ालिम सिंह ने चतुर्भुज भगवान का पीछा किया तो चतुर्भुज भगवान पृथ्वी के अंदर समाने लगे तो राजा ने लोगों से खुदवाना शुरू किया। तभी अंदर से आवाज आयी की मैं तुमको पाषाण रूप में ही मिल सकूंगा और वहीँ दिव्या रूप में चतुर्भुज भगवान पाषाण रूप में विराजमान हो गए। जो आज चतुर्भुजी मंदिर के नाम से पूरे बस्ती जनपद में प्रसिद्ध है।अमोढ़ा व आसपास के गांव के लोग बताते हैं की राजा ज़ालिम सिंह बहुत ही पराक्रमी राजा थे, उनके राज्य अमोढ़ा के चारो तरफ यानि चारो दिशा में ४ प्रसिद्ध मंदिर हैं, जिनके नाम अपनी जानकारी के लिए नीचे लिखे गए हैं।

१. रामरेखा मंदिर
२.चतुर्भुजी मंदिर
३. कोटही माता मंदिर
४. झारखंडी शिव मंदिर

चतुर्भुजी मंदिर, अमोढ़ा (Chaturbhuji Mandir Amorha) में मेले के दौरान अजीत सोनी ग्राम प्रधान छावनी और पूर्व जिला पंचायत सदस्य दिनेश सिंह और अनूप कुमार मिश्र बैरागी (नरायनपुर) तथा अन्य सम्मानितजन मौजूद रहे।

आसपास के तमाम गांव के लोगों की भगवान के दर्शन हेतु जुटी भीड़ इस मेले को और भी रुचिकर बना देती है, अमोढ़ा खास, छावनी, पचवस, विक्रमजोत, अकला, बभन गांवा, वीरपुर, रामगढ़, डुहवा मिश्र, देवखल, देवखर, देवकाली रानी, गुंडा कुंवर, इमिलीया, जैतापुर, कलानी कला, करमियाँ, केशवपुर, केवलपुर, खान कला, ख़तम सराय, खेमराज पूर, खेसुआ, कुवांगांव, लजघटा, मालौली दुबे, मालौली, लोकईपुर, नागरा बदली, फूलदीह, पिपारी संग्राम, पुरे दिवान, पुरे हेमराज, रानी गांव, रुपगढ़, सौरी, सेवरा लाला, शंकरपुर, सीता रामपुर, सोनबारसा, संग्रामपुर, सुक्रौली पांडे, नरायनपुर और तुर्सी तथा अन्य गांव के लोग चतुर्भुजी बाबा अर्थात चतुर्भुज भगवान के दर्शन के लिए यहाँ आते हैं !

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