उत्तर प्रदेश भूजल प्रबंधन एवं विनियमन अधिनियम क्या है ?
भूगर्भ जल विभाग , उत्तर प्रदेश
- उत्तर प्रदेश भूगर्भ जल विभाग की स्थापना 1975 में एक पृथक विभाग के रूप में की गयी थी।
- भूगर्भ जल के बढ़ते महत्व एवं प्रभावी प्रबन्धन हेतु भूगर्भ जल विभाग को प्रदेश की भूजल संपदा के सर्वेक्षण, अनुसंधान, नियोजन, विकाश व प्रबन्धन का उत्तरदायी बनाया गया है।
- भूगर्भ जल दोहन के नियंत्रण एवं भूगर्भ जल संरक्षण, संचयन व विभिन्न विभागो द्वारा चालयि जा रही, रिचार्ज योजनाओं के समन्वय तथा सन्चालन हेतु वर्ष २००४ में नोडल एजेंसी घोषित किया गया।
शहरी क्षेत्रों में भू-जल रिचार्ज की पद्धतियां-
- रूफटॉप रेन वाटर हार्वेस्टिंग
- रिचार्ज पिट
- रिचार्ज ट्रेंच
- रिचार्ज शॉफ्ट
- कुआँ
- तालाब
- सरफेस स्टोरेज टैंक
- पेवमेंट – स्टॉर्म वाटर हार्वेस्टिंग
ग्रामीण क्षेत्रों में भू-जल रिचार्ज की पद्धतियां –
- रिचार्ज बेसिन
- तालाब/खेत तालाब
- पेरिफेरल बांध
- कंटूर बांध
- नाला बांध
- चेकडैम
- गैबियन
- गली प्लग्स
- पर्कोलेशन टैंक
- सब-सरफेस डाइक्स
- डगवेल रिचार्ज
उत्तर प्रदेश भूगर्भ जल ( प्रबंधन और विनियमन ) अधिनियम 2019
(एक परिचय)
उद्देश्य: उत्तर प्रदेश में भूजल संसाधनों की सुरक्षा,संरक्षण, प्रबन्धन एवं नियमन किया जाना, जिससे भूजल की उपलप्धता समान रूप से निरंतर बनी रहे एवं जन-मानस को गुणवत्तापरक भूजल की आपूर्ति सुनिश्चित हो सके ।
अधिनियम के प्रभावी क्रियान्वयन हेतु प्रस्तावित समितियां:
अधिनियम को बॉटम-अप एप्रोच के आधार पर तैयार किया गया है । अधिनियम के प्रभावी क्रियान्वयन हेतु प्रत्येक समिति में जन प्रतिनिधि को भी सम्मिलित किया गया है ।
समितियों का गठन तथा उनके कार्य निम्नानुसार हैं :
ग्राम पंचायत भूजल उप समिति :
अध्यक्ष : ग्राम प्रधान
सदस्य सचिव : ग्राम पंचायत सचिव
कार्य:
ग्राम पंचायत ग्राउण्ड वाटर सिक्योरिटी प्लान’ का विकास एवं प्रभावी क्रियान्वयन ।
ब्लॉक पंचायत भूजल प्रबंधन समिति :
अध्यक्ष : ब्लॉक प्रमुख
सदस्य सचिव : खण्ड विकास अधिकारी
कार्य :
- विकासखण्ड स्तरीय ‘ग्राउण्ड वाटर सिक्योरिटी प्लान’ का विकास, क्रियान्वयन एवं अनुश्रवण कराना।
- घरेलू एवं कृषि भूजल उपभोक्ताओं का पंजीकरण करना।
म्युनिसिपल जल प्रबंधन समिति
अध्यक्ष : नगर प्रमुख / नगर पालिका प्रमुख
सदस्य सचिव : नगर आयुक्त/ अधिशासी अधिकारी
कार्य :
- सतही जल एवं भूगर्भ जल के स्रोतों का संयोजन एवं प्रबंधन कराना।
- घरेलू भूजल उपभोक्ताओं का पंजीकरण करना।
- जनपद भूजल प्रबंधन परिषद:
अध्यक्ष : जिला अधिकारी
सदस्य सचिव : जिला विकास अधिकारी
कार्य :
- ग्राम पंचायत, ब्लॉक पंचायत, म्युनिसिपल तथा राज्य स्तरीय भूजल प्रबंधन एवं नियामक प्राधिकरण से आवश्यक समन्वय स्थापित करना।
- उपभोक्ताओं का पंजीकरण, अनापत्ति निर्गत करना तथा ड्रिलिंग एजेंसी का पंजीकरण करना।
- भूजल प्रदूषण के रोकथाम के उपाय करना।
- किसी भी व्यावसायिक, औद्योगिक, इंफ्रास्ट्रक्चर एवं बल्क यूजरों द्वारा एक्ट के उल्लंघन की स्तिथि में एक्ट की धरा ३९ या धारा ४० के अंतर्गत अभियोजन प्राम्भ करने की कार्यवाही करना।
- उत्तर प्रदेश राज्य भूजल प्रबंधन एवं नियामक प्राधिकरण :
अध्यक्ष : मुख्य सचिव, उत्तर प्रदेश शासन
सदस्य सचिव : निदेशक भूगर्भ जल विभाग उत्तर प्रदेश
कार्य :
- अधिसूचित या गैर अधिसूचित क्षेत्रों में वर्गीकृत करना।
- भूजल निकास की सीमा तय करना।
- भूजल प्रदूषण की रोकथाम कराना।
- जनपदीय भूजल शिकायत निवारण अधिकारी के निर्णय से क्षुब्ध व्यक्ति की शिकायत का समाधान करना।
अधिनियम के अंतर्गत मुख़्य कार्य, कार्य क्षेत्र तथा उत्तरदायित्व:
अधिनियम के अंतर्गत उपभोक्ताओं के पंजीकरण करने, भूजल निकास हेतु अनापत्ति निर्गत करने, इत्यादि की पारदर्शी व्यवस्था हेतु ऑनलाइन वेबपोर्टल को विकसित किया गया है।
मुख़्य कार्य, कार्य क्षेत्र एवं उत्तरदायित्व :
- घरेलू भूजल उपभोक्ताओं का पंजीकरण :
कहाँ करना है – सम्पूर्ण उत्तर प्रदेश में
पंजीकरण शुल्क – शून्य
उत्तरदायित्व – म्युनिसिपल तथा ब्लॉक पंचायत भूजल प्रबंधन समिति।
- कृषि भूजल उपभोक्ताओं का पंजीकरण :
कहाँ करना है – सम्पूर्ण उत्तर प्रदेश में
पंजीकरण शुल्क – शून्य
उत्तरदायित्व – ब्लॉक पंचायत भूजल प्रबंधन समिति।
- अधिनियम के लागु होने से पूर्व के व्यावसायिक, औद्योगिक, इंफ्रास्ट्रक्चर एवं बल्क भूजल उपभोक्ता का पंजीकरण:
कहाँ करना है – सम्पूर्ण उत्तर प्रदेश में
पंजीकरण शुल्क – धनराशि रु० 5000
उत्तरदायित्व – जिला भूजल प्रबंधन परिषद।
- नए व्यावसायिक, औद्योगिक, इंफ्रास्ट्रक्चर एवं बल्क भूजल उपभोक्ता का पंजीकरण:
कहाँ करना है – गैर अधिसूचित क्षेत्रों में
पंजीकरण शुल्क – धनराशि रु० 5000
उत्तरदायित्व – जिला भूजल प्रबंधन परिषद।
- नए व्यावसायिक, औद्योगिक, इंफ्रास्ट्रक्चर एवं बल्क भूजल उपभोक्ताओं
को भूजल निकास हेतु अनापत्ति निर्गत करना
कहाँ करना है – गैर अधिसूचित क्षेत्रों में
पंजीकरण शुल्क – आवेदन शुल्क रु० ५०००, भूजल निकास की मात्रा के अनुसार वार्षिक शुल्क।
निर्गत अनापत्ति की वैधता – ०५ वर्ष
उत्तरदायित्व – जिला भूजल प्रबंधन परिषद।
- ड्रिलिंग एजेंसी का पंजीकरण करना :
कहाँ करना है – सम्पूर्ण उत्तर प्रदेश में
नोट :- पंजीकृत ड्रिलिंग एजेंसी को अधिसूचित क्षेत्र तथा भूजल गुणवत्ता के संवेदनशील क्षेत्रों में ड्रिलिंग कार्य करने की अनुमति नहीं होगी।
शुल्क – धनराशि रु० ५००० प्रति जनपद
नोट :- प्रत्येक जनपद हेतु ड्रिलिंग एजेंसी को अलग-अलग आवेदन करने होंगे।
निर्गत अनापत्ति की वैधता – 03 वर्ष
उत्तरदायित्व – जिला भूजल प्रबंधन परिषद।
अपराध एवं दंड के प्राविधान :
भूजल अधिनियम में वर्णित समस्त प्राविधानों के किसी भी व्यवसायिक, औद्योगिक, इंफ्रास्ट्रक्टरल एवं बल्क यूज़र्स द्वारा उल्लंघन की स्तिथि में बिल में किये प्राविधानों के क्रम में दंड की व्यवस्था का प्रस्ताव है। उक्त हेतु मुख्य रूप से निम्न प्राविधान हैं :-
- प्रथम अपराध हेतु रु० ०२ लाख से ०५ लाख अर्थ दंड अथवा ०६ माह से ०१ वर्ष का कारावास अथवा दोनों।
- अपराध की पुनरावृत्ति पर प्राधिकार पत्र निरस्त करते हुए उपरोक्त दंड को दोगुना किया जायेगा।
- भूजल प्रदूषण हेतु दोषी पाए जाने की स्तिथि में प्रथम अपराध हेतु ०२ वर्ष से ०३ वर्ष का कारावास एवं रु० ५ लाख से रु० १० लाख अर्थदंड।
- भूजल प्रदूषण हेतु अपराध की पुनरावृत्ति ( राज्य सरकार की पेयजल योजनाओं के अतिरिक्त ) द्वारा आपूर्ति किये जाने वाले भूजल के गुणवत्ता के मापदंड पूर्ण न करने की स्तिथि में न्यूनतम रु० ०२ लाख एवं अधिकतम रु० ०५ लाख का अर्थदंड।
- किसी भी भवन स्वामी द्वारा भूजल रिचार्ज हेतु रेन वाटर हार्वेस्टिंग प्रणाली की स्थापना प्राविधानों के अनुसार न कराये जाने की स्तिथि में दंड।
- बिल में अंकित प्राविधानों में किसी भी तरह के विवाद के समाधान हेतु प्रत्येक जनपद में जिलाधिकारी भूजल शिकायत निवारण अधिकारी के रूप में कार्य करेंगे।
- भूजल शिकायत निवारण अधिकारी के निर्णय से क्षुब्ध व्यक्ति अपना प्रत्यावेदन राज्य प्राधिकरण को दे सकता है। जिला भूजल प्रबंधन परिषद द्वारा अधिनियम की धारा ३९ या धारा ४० के अंतर्गत अभियोजन प्रारम्भ करने की कार्यवाही की जाएगी।
Source : www.upgwdonline.in
Pingback: नलकूप के पंजीकरण एंव अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) के लिए कौन सा फॉर्म भरें - Khas Press
Pingback: नलकूप के पंजीकरण एंव अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) के लिए कौन सा फॉर्म भरें - Khas Press
Pingback: नलकूप के पंजीकरण एंव अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) के लिए कौन सा फॉर्म भरें - Khas Press
Pingback: आर० ओ० वाटर प्लांट के लिए भूगर्भ जल की NOC एवं पंजीकरण हुआ अनिवार्य है। - Khas Press