जो आनंद इन बेर को खाने में है वो स्वाद बड़े बड़े मन को लुभाने वाले बाजारी बेर में कहाँ है।
बचपन में इन बेर को खाने और तोड़ने के लिए न जाने कितनी बार नानी से डाँट खाई है फिर भी पता नहीं कितने कांटो की चुभन […]
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गांव विशेष
बचपन में इन बेर को खाने और तोड़ने के लिए न जाने कितनी बार नानी से डाँट खाई है फिर भी पता नहीं कितने कांटो की चुभन […]
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छोटा सा गांव मेरा, मुट्ठी भर लोग चारो तरफ धन धान्य से परिपूर्ण खेत, फलदार बाग, फूलों से भरे बगीचे, दूर तक हरी चादर ओढ़े जमीन, लबालब […]
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चलिये थोड़ा गांव का बचपन याद करते हैं…जानते हैं ये क्या है ? हाहाहा… जितने लोग हमारे जैसे प्राइमरी स्कूल में पढ़े होंगे वो सब बहुत ही […]
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ये महुआ (महुवा) है और महुवा को कैसे भूल सकते हैं, बचपन में नानी रोज सुबह सुबह मुझे महुवा बीनने के लिए उठा देती थी। जो मेरे लिए किसी दण्ड से कम नही होता था क्योकि देर तक सोने की लालची थी और मैं गुस्से से मुह फुला कर टोकरी लेकर अपनी सहेलियों की टोली के साथ महुवा बीनने महुवारी के लिए चल पड़ती थी लेकिन वहाँ पहुँचते ही सारा गुस्सा काफूर हो जाता था।
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हर्रैया के विधायक अजय सिंह ने 60.91 लाख की लागत से पर्यटन विकास योजनान्तर्गत चौरासी कोसी परिक्रमा के पहले पड़ाव, ऐतिहासिक व पौराणिक स्थल रामरेखा मंदिर (Ramrekha […]
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अमोढ़ा-बस्ती: बस्ती जिले में अमोढ़ा (Amorha) गांव के लोगों ने रास्ता रोक कर विरोध किया, विरोध तेज होता देख जिलाधिकारी सरकारी गाड़ी से निकल गए। सांसद आदर्श […]
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बस्ती: अमोढ़ा राज्य के छावनी थाना क्षेत्र में स्थित प्राचीन चतुर्भुजी मंदिर (Chaturbhuji Mandir Amorha) प्रांगण में बुढ़वा मंगल के दिन हर वर्ष मेला लगता है। वैसे […]
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