लॉकडाउन 4.0 से पहले योगी सरकार के 3 तीन शहरों में दिए गए ज्यादा सख्ती के आदेश के मायने
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संबोधित करते ही लोगों ने लॉकडाउन 4.0 की अटकलें लगानी शुरू कर दी। इसी बीच यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कोरोना वायरस से निपटने के लिए और ज्यादा सख्ती से नियमों को लागू करने पर विचार कर रही है। जैसा की हम सभी को पता है की प्रदेश के कुछ शहरों में सरकार की कोशिशों पर पानी फिर रहा है, जिसमे आगरा, मेरठ और कानपुर प्रमुख हैं। इसलिए योगी सरकार आगरा, मेरठ और कानपुर में लाॅकडाउन के नियमों को ज्यादा सख्ती से लागू करने के आदेश दे दिए हैं। लेकिन सवाल ये है की क्या इन 3 इस शहरों में सख्ती से हम बाकी जगहों पर कोरोना से निपटने में सक्षम होंगे।
सरकार कोरोना पर नियंत्रण के लिए निगरानी समितियों की भूमिका तय कर उसको बेहतर तरीके लागू करने पर विचार कर रही है, ये एक सराहनीय कदम है। इसके लिए सभी ग्राम-पंचायतों और शहरी निकायों के वॉर्ड स्तर को बेहतर सर्विलांस के लिए सक्रिय किया जाए और इसको निगरानी समितियों के तहत बेहतर तरीके से सुनिश्चित कराया जाए कि कोई भी व्यक्ति यदि बाहर से उनके क्षेत्र में आए तो वे प्रशासन को जरूर सूचित करें। ये समितियां होम क्वारंटीन की अवधि में बाहर से आए कामगारों (प्रवासी) और श्रमिकों के सर्विलांस का काम करे। ये निगरानी समितियां खाद्यान्न वितरण, वृक्षारोपण तथा सफाई जागरूकता में भी अपना बेहतर योगदान दे सकते हैं। लॉकडाउन 4.0 से पहले इस पूरे ढांचे के लिए एक रुपरेखा तैयार किये जाने का निर्देश दिए गए, जिसमे ये कहा गया की इस समिति में ग्राम प्रधान, ग्राम चैकीदार, नेहरू युवा केन्द्र के सदस्य, आशा वर्कर स्वच्छाग्रही तथा युवक मंगल दल को शामिल करके ये सुनिश्चित किया जाये की ग्राउंड लेवल पर काम हो भी रहा है की नहीं।
सभी जरूरतमंद और पात्र लोगों को राशन कार्ड बना कर दिए जाने का आदेश भी जारी हुआ है। जिसमे प्रवासी श्रमिकों तथा उन सभी लोगों को जो दूसरे राज्य से वापस आ रहे हैं, उनके लिए सुचारुरूप से राशन कार्ड उपलब्ध कराने की व्यवस्था की जाए। प्रवासी श्रमिकों को किसी भी कीमत पर खाद्यान्न उपलब्ध कराया जाए और पास राशन कार्ड न होने पर भी उन्हें किसी तरह से परेशान न किया जाये। यह भी तय किया जाए कि भोजन अथवा खाद्यान्न की समस्या किसी को भी न होने पाए। क्वारंटीन सेन्टर तथा कम्युनिटी किचन को चिन्हित कर टैग किया जाये!
सभी कृषि विज्ञान केन्द्र व कृषक उत्पादक संगठन को प्रशिक्षित कर कृषि उत्पादों का बढ़ावा दिया जाये। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना को बेहतर ढंग से लागू करवाया जाये तथा मूल्य समर्थन योजना के तहत गेहूं की बिक्री में किसी प्रकार समस्या न हो। कृषको के हित में बाज़ारो व जगह-जगह पर निजी मण्डियों की खोलने के लिए प्रोत्साहित किया जाये। ज्यादा से ज्यादा कोरोना के टेस्ट किये जाएँ तथा मेडिकल टीम को बेहतर ट्रेनिंग देकर संक्रमण बचने रोकथाम के तैयार किया जाये। स्वास्थ्य विभाग तथा चिकित्सा शिक्षा विभाग, प्रशिक्षण पर ज्यादा और विशेष ध्यान दें।