क्वारंटाइन श्रमिकों ने पेश की अनूठी मिसाल, मेहनत कर लौटाई स्कूल में रौनक: अंतर्राष्ट्रीय श्रमिक दिवस विशेष
किसी शायर ने ऐसे ही कर्म वीरों के लिए ये शायरी लिखी होगी- “खुदी को कर बुलंद इतना के हर तकदीर से पहले खुदा बन्दे से खुद पूछे बता तेरी रज़ा क्या है।” जिनकी हम बात कर रहे हैं उन्होंने (क्वारंटाइन श्रमिकों ने) अपने काम से एक मिशाल कायम की है, क्यों कि आज के समय में हर कोई अपने सेवा का पारिश्रमिक लेता है, ऐसे में जब कोई बिना कुछ लिए ही समाज के लिए कोई काम करता है तो वो मिशाल बनना लाज़मी है। और जब ये श्रम दान कि बात हो तो फिर महत्व और बढ़ जाता है। अंतर्राष्ट्रीय श्रमिक दिवस ऐसे ही श्रमिकों के महत्व और उनके योगदान के लिए मनाया जाता है।
दरअसल हम बात कर रहे हैं बिहार के बगहा-02 प्रखंड के लक्ष्मीपुर रमपुरवा पंचायत के एक क्वारंटाइन सेंटर की, जहाँ पर कोरोना वायरस के डर से ठहरे हुए लोगों ने एक स्कूल की काया पलट कर दी। इस क्वारंटाइन सेंटर में रहने वाले श्रमिकों ने ये अद्भुत कार्य किया है जिसके लिए उनकी जितनी प्रशंसा की जाए वो कम है। पश्चिमी चम्पारण जिला के रमपुरवा राजकीय माध्यमिक विद्यालय में क्वारंटाइन श्रमिकों ने अपनी मेहनत से इस स्कूल की सूरत बदल दी है। जिला प्रशासन भी इन प्रवासी श्रमिकों के कार्यों से बहुत प्रसन्न हुआ और उनकी सराहना करते हुए उनके उज्जवल एवं सुखद भविष्य की कामना की है। दरअसल रमपुरवा पंचायत में क्वारंटाइन किये गये इन अभी 40 प्रवासी श्रमिकों ने इस लॉकडाउन अवधि को स्वयं और अपने परिवार एवं पूरे समाज के लिए वरदान मानते हुए सामूहिक श्रम के द्वारा अनूठी मिसाल कायम कर दी।
क्वारंटाइन किये जाने के बाद प्रवासी मजदूरों को ये विचार आया की इस तरह तो पूरा समय बर्बाद करने से अच्छा हो कि हम कुछ समाज सेवा करके इस स्कूल की दशा बदल दें। फिर उन्होंने अपनी दिनचर्या तय की और काम में जुट गए। पूरे विद्यालय परिसर की साफ सफाई करने और पेड़ पौधों की देखभाल के साथ ही स्कूल के भवन और कमरों में रंगरोगन का काम शुरू किया और देखते ही देखते पूरे विद्यालय का काया पलट कर दिया। ये देखकर ग्रामवासी एवं विद्यार्थी बहुत खुश हैं, और उनके इस काम की प्रशंसा कर रहे हैं।
विद्यालय परिसर में स्थित खेल के मैदान का भी सौंदर्यीकरण इस तरह से कर दिया की देख कर मन प्रसन्न हो जाता है और उसका मन मैदान में जाकर बैठने का करने लगता है। स्कूल के उद्यान में लगे क्यारियों और पेड़ पौधों को सुन्दर रूप देने के लिए सेवा कर के उन्हें हरा-भरा कर दिया। ये सारे काम करते हुए श्रमिकों ने सोशल डिस्टेंसिंग का भी बखूबी पालन किया।
पश्चिम चम्पारण के डीएम कुंदन कुमार ने इस विद्यालय का काया पलट करने वाले श्रमिकों के इस पहल की सराहना की। उन्होंने सोशल मीडिया पर उनके कार्यों की तस्वीरों को शेयर किया साथ ही इसे प्रेरणादायक बताते हुए प्रवासी मजदूरों के सुखद जीवन की कामना भी की है।
ग्रामीणों एवं पंचायत वासियों ने भी प्रवासी श्रमिकों के इस अभूतपूर्व कार्यों की काफी प्रशंसा की है। विद्यालय भवन में बने क्वारंटाइन सेंटर के श्रमिकों द्वारा किये कार्यों की हर तरफ सराहना हो रही है।
Source : Hindi News
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