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डिजिटल भारत कार्यक्रम: डिजिटल लॉकर

डिजिलॉकर क्या है

डिजीटल लॉकर में दस्‍तावेजों को कैसे अपलोड करें?

डिजिटल लॉकर (Digital Locker) की अवधारणा “डिजिटल भारत कार्यक्रम” के अंतर्गत आने वाले प्रमुख कार्यक्रमों में से एक है। इसकी वेबसाइट तथा एप्लीकेशन इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी विभाग (DEITY), भारत सरकार द्वारा जारी किया गया है। Digital Locker का उद्देश्य भौतिक दस्तावेजों के उपयोग को कम करना और एजेंसियों के बीच में e-documents के लेन-देन को सक्षम बना के उपयोग में लाना है। इससे आम आदमी को अपने दस्तावेजों को साथ लेकर चलने की आवश्यकता समाप्त होगी और मोबाइल पर एप्लीकेशन के माध्यम अकाउंट क्रिएट करके डाक्यूमेंट्स को डाउनलोड करके रख सकते है। इससे आधार कार्ड पैन कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस तथा वाहन का RC बुक रखने की आवश्यकता ख़त्म होगी, और ये ओरिजिनल दस्तावेजों की जगह मान्य होगा।

डिजिटल लॉकर पोर्टल की मदद से ई-दस्तावेजों (Soft Copies) का आदान-प्रदान Registered Repository के माध्यम से किया जाएगा, जिससे ऑनलाइन दस्तावेजों की प्रामाणिकता सुनिश्चित होगी। आवेदक/उपयोग कर्ता अपने इलेक्ट्रॉनिक दस्तावेजों को अपलोड कर सकते हैं और इसमें उपलब्ध डिजिटल ई-साइन सुविधा का उपयोग कर उन पर हस्ताक्षर कर सकते हैं। उपयोग कर्ता इन digitally signed दस्तावेजों को सरकारी संगठनों या अन्य संस्थाओं के साथ साझा कर सकते हैं।

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डिजिटल लॉकर प्रणाली के क्या उद्देश्य हैं?

डिजिटल लॉकर प्रणाली का आधार:

दस्तावेजों का संग्रह: ई दस्तावेजों के संग्रह वाले स्पेस को रिपॉजिटरी कहते हैं जिसमेँ ई दस्तावेज जारीकर्ता संस्था या संगठन द्वारा एक मानक प्रारूप (Standard Format) में अपलोड अपलोड किये जाते हैं, और सुरक्षित तरीके से वास्तविक समय में खोज द्वारा उपयोग के लिये उपलब्ध होते हैं।

एक्सेस गेटवे: बेहद सुरक्षित ऑनलाइन तंत्र है जिससे Users अपने दस्तावेजों को प्राप्त करने के लिए Uniform Resource Indicator (URI) का उपयोग करते हैं। इस कड़ी के माध्यम से ही एक्सेस गेटवे सम्बंधित रिपॉजिटरी की पहचान कर के वहाँ से ई-दस्तावेज़ को प्रस्तुत करेगा।

डिजिटल लॉकर से क्या सुविधाएँ मिलेंगी:

डिजिटल लॉकर का उपयोग कैसे करे?

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