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गरीब कल्याण रोजगार अभियान से, रोज होगी 202 रुपए कमाई

Garib Kalyan Rojgar Yojana

Garib Kalyan Rojgar Yojana

कोरोना महामारी (Corona Pandemic) का सबसे ज्यादा प्रभाव मजदूर वर्ग पर पड़ा है। कारण कि शहरों में लॉकडाउन (Lockdown) लग जाने से वहां पर रोजी रोटी की तलाश में गए मजदूरों को काम मिलना बंद हो गया। इस दौरान अलग-अलग शहरों से लाखों की संख्या में प्रवासी मजदूरों को अपने गांवों और घरों को पलायन करने पर मजबूर होना पड़ा। लेकिन लॉकडाउन में इन प्रवासी मजदूरों को कोई रोजगार नहीं मिल पाने के कारण इनके सामने आजीविका का गंभीर संकट खड़ा हो गया है। मजदूरों कि इसी समस्या का उपाय करने के लिए केंद्र सरकार ने 20 जून, 2020 को एक योजना को लांच किया है जिसका नाम गरीब कल्याण रोजगार अभियान (Garib Kalyan Rojgar Abhiyaan) है।

क्या है गरीब कल्याण रोजगार अभियान और उसका उद्देश्य:

गरीब कल्याण रोजगार अभियान के अंतर्गत दिहाड़ी मजदूरों को 125 दिनों का काम दिया जायेगा। इसमें प्रत्येक दिन की मजदूरी मनरेगा में दी जाने वाली मजदूरी जैसे ही होगी अर्थात एक मजदूर को एक दिन में 202 रुपये मिलेंगे। इसमें मजदूरों को अलग अलग कामों में रोजगार मुहैया कराया जाएगा। वित्त मंत्री निर्मला सीतारामण ने बताया कि योजना के लिए 6 राज्यों के 116 जिलों को चुना गया है जिसमें जोर-शोर से अभियान चलाकर लोगों को रोजगार मुहैया कराए जाएंगे। अभियान को कामयाब बनाने के लिए सरकार की तरफ से भी प्रवासी श्रमिकों की सहायता के लिए प्राथमिकता दी जाएगी। ‘गरीब कल्याण रोजगार अभियान’ का बजट सरकार द्वारा 50 हजार करोड़ रुपये रखा गया है।

इस अभियान के ज़रिये अपने गांव आये प्रवासी दिहाड़ी मजदूरों को रोजगार के अवसर प्रदान आत्मनिर्भर बनाया जायेगा और उनकी आजीविका को सुधारा जायेगा। जिससे इस अभियान से जुड़कर वह अपने परिवार का भरण पोषण कर सकें और अपनी आर्थिक स्थिति को सुधार सकें। इस तरह जो
प्रवासी मजदूर और कामगार दुसरे राज्य से अपने घर वापस लौटे हैं, उनका दूसरे राज्यों की ओर पलायन रुक जायेगा क्योंकि उन्हें अपने गांव में ही रोजगार प्राप्त होने लगेगा।

गरीब कल्याण रोजगार अभियान के लिए मजदूरों की पहचान:

अपने अपने गांवों में वापस आये प्रवासी मजदूरों की राज्य सरकारों द्वारा पहचान कराई आएगी और उसके बाद उन्हें सूचीबद्ध करके जिले के जिलाधिकारी को सौंप दी जाएगी। हालांकि जो भी मजदूर श्रमिक स्पेशल या राज्य सरकारों की बसों से लाये गए हैं उनकी सूची तो पहले से ही सरकार के पास होगी, किन्तु बहुत से लोग अपने साधनों से या पैदल चलकर गांव तक पहुंचे हैं, उन्हें भी गरीब कल्याण रोजगार अभियान के लिए सूची बद्ध करके रोजगार मुहैया कराया जायेगा। जिन भी मजदूरों को काम चाहिए उन्हें जिलाधिकारी कार्यालय में अपना नाम चेक कर लेना चाहिए और यदि नाम नहीं हैं तो उसके लिए ग्राम प्रधान व जिलाधिकारी को आवेदन देना चाहिए। रोजगार अभियान के कार्यों की देखभाल राज्य सरकार के कर्मचारियों द्वारा की जाएगी।

किन राज्यों के कितने जिले शामिल हैं?

6 राज्यों के 116 जिलों में बिहार के 32, उत्तर प्रदेश के 31, मध्य प्रदेश के 24, राजस्थान के 22, ओडिशा के 4 और झारखंड के 3 जिले शामिल हैं। इन जिलों में लगभग 88 लाख प्रवासी मजदूरों को रोजगार देने का लक्ष्य है।

मजदूरों से कौन से काम कराये जायेंगे:

गरीब कल्याण रोजगार अभियान के तहत मजदूरों से निम्नलिखित काम कराये जायेंगे :-

प्रधानमंत्री गरीब कल्याण रोजगार अभियान में शामिल विभाग:

गरीब कल्याण रोजगार अभियान को सफल बनाने के लिए कुल 12 मंत्रालय और विभागों को शामिल किया गया हैं, जो इस प्रकार है :-

गरीब कल्याण रोजगार अभियान हेतु दस्तावेज एवं पात्रता:

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