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देश प्रेम: जिनके लिए देश पहले आता है – पूर्व नौसैनिक संदीप पाण्डेय

कोरोना की त्रासदी से समूचा देश जूझ रहा है

आज कोरोना की त्रासदी से समूचा देश जूझ रहा है। सरकार लोगों को बचाने के प्रयासों में जी जान से जुटी है। इन सरकारी प्रयासों के साथ ही समाज के कुछ योद्धाओं का सेवाभाव और जुनून सरकार के लिये बड़ा मददगार साबित हो रहा है। इनमें ही एक है संदेश फाउंडेशन के फाउंडर पूर्व नौसैनिक एवं राष्ट्रीय खिलाड़ी संदीप पांडेय। भारतीय नौ सेना में अपनी सेवाएं दे चुके एवं उत्तर प्रदेश और सर्विसेज़ की तरफ़ से राष्ट्रीय स्तर पर क्रिकेट में प्रतिनिधित्व कर चुके

आज कोरोना की त्रासदी से समूचा देश जूझ रहा है। सरकार लोगों को बचाने के प्रयासों में जी जान से जुटी है। इन सरकारी प्रयासों के साथ ही समाज के कुछ योद्धाओं का सेवाभाव और जुनून सरकार के लिये बड़ा मददगार साबित हो रहा है। इनमें ही एक है संदेश फाउंडेशन के फाउंडर पूर्व नौसैनिक एवं राष्ट्रीय खिलाड़ी संदीप पाण्डेय। भारतीय नौ सेना में अपनी सेवाएं दे चुके एवं उत्तर प्रदेश और सर्विसेज़ की तरफ़ से राष्ट्रीय स्तर पर क्रिकेट में प्रतिनिधित्व कर चुके संदीप पाण्डेय ने अपने माता पिता के अकेले होने के चलते 2017 में ही वीआरएस ले लिया था। इसके बाद से उन्होंने अपने मां पिता के साथ साथ समाजसेवा के जरिए देश की सेवा का जो सफर जारी किया वो अभी तक चल रहा है।

कोरोना वायरस की महामारी के बीच संदीप पाण्डेय और उनकी टीम संदेश फाउंडेशन समाज के उन हिस्सों तक पहुंच रही है जो कही न कहीं तमाम सुविधाओं से स्वयं को वंचित महसूस कर रहे हैं। इस लॉक डाउन के दौरान किसी जरूरतमंद को भूखा न सोना पड़े इसके लिये ये अपने पास से रोज़ाना लगभग 20-25 परिवारों को कच्चा राशन पहुँचा रहे हैं , अभी तक 1000 से अधिक परिवारों को राशन पहुँचाया जा चुका है । इसके साथ ही संदीप की टीम एक अन्य सराहनीय कार्य कर रही जिसके जरिए वे गांवों की गलियों में पहुंच कर लोगों के घरों के दरवाजे खिड़कियों आदि को सेनेटाइज कर रहे हैं ताकि देश का हृदय कही जाने वाली ग्रामीण आबादी भी इस वायरस के संक्रमण के खतरे से बची रहे। खास बात यह है कि इस सब का खर्च संदीप स्वयं को मिलने वाली पेंशन से करते हैं।

गांवों में सेनेटाइजेशन का विचार कहां से आया इस पर संदीप ने बताया कि उनका घर गंगाघाट में पहले ग्राम पंचायत वाले क्षेत्र में था जो कि बाद में नगर पालिका में आ गया। उन्होंने बताया कि जब वीआरएस के बाद वह घर लौटें तो उन्होंने मच्छरों के प्रकोप के चलते तत्कालीन ग्राम प्रधान से फागिंग के लिए कहा तो उन्होंने इससे अनभिज्ञता जाहिर की, इसके बाद उन्होंने गंगाघाट नगर पालिका से सम्पर्क किया तो अधिशाषी अधिकारी ने अपने अधिकार क्षेत्र में न होने के चलते हाथ खड़े कर दिए। इसके बाद से ग्रामीण क्षेत्रों को मच्छर जनित बीमारियों से बचाने के प्रयास शुरू करने का उन्होंने संकल्प लिया जिस पर वह और उनकी संस्था लगातार काम कर रही है।

संदीप पाण्डेय ने अपने साथ आये युवाओं के साथ मिल कर संदेश फ़ाउंडेशन की स्थापना की जो मुख्य रूप से स्वास्थ्य एवं शिक्षा पर कार्य कर रहा है । इसके साथ ही उनकी संस्था सरकारी योजनाओं और जरूरतमंदों के बीच एक सेतु का भी काम कर रही है। मसलन लोगों को सरकारी योजनाओं की जानकारी देने से लेकर उन्हें बिना किसी बिचौलिए के झांसे में आए सीधे तौर पर लाभांवित कराने के भागीरथी प्रयास भी संदीप और उनके सहयोगियों की टीम कर रही है।

साभार – देवेन्द्र, बिज़नेस एनालिस्ट, न्यू दिल्ली

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