उत्तर प्रदेश के मुख्यमन्त्री माननीय श्री योगी आदित्यनाथ जी अपने साहसिक तथा ऐतिहासिक निर्णयों के लिए जाने जाते हैं। इस कोरोना महामारी के आय भी वो पूरी मुस्तैदी के साथ अपने राजधर्म को निभाने में लगे हुए हैं यहाँ तक की कर्तव्य पालन के कारण अपने पिता के अंतिम संस्कार में भी शामिल नहीं हुए। प्रदेश की जनता के लिए वो हर संभव सहायता और आदेश जारी करते रहते हैँ। चाहे वो दिल्ली में Lockdown में फंसे दिहाड़ी मजदूर हों या कोटा में तैयारी करने वाले छात्र, योगी सरकार (योगी जी) सबकी सहायता करते हैँ।
योगी जी की दरिया दिली की ऐसी ही एक खबर अभी आयी है, वो ये है कि योगी सरकार राज्य की 23 करोड़ आबादी को वैश्विक महामारी कोरोना वायरस (Coronavirus) से बचाने के साथ बाहरी राज्यों में फंसे नागरिकों को उनके घरों तक सुरक्षित पहुंचाने के अभियान में जुटी है। इसके साथ ही करीब 15 लाख प्रवासी श्रमिकों के लिए राज्य में ही रोजगार देने की व्यवस्था पर भी काम करना शुरू कर दिया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) ने प्रदेश की राजधानी लखनऊ में मंगलवार २८ अप्रैल, 2020 सुबह टीम-11 के साथ हुई बैठक में इस संबंध में कई बड़े फैसले लिए हैं।
टीम-11 के साथ मीटिंग में सबसे पहले मुख्यमंत्री ने उत्तर प्रदेश में कोविड-19 की स्थिति के बारे में समीक्षा की। जो जिले कोरोना वायरस से सबसे अधिक प्रभावित हैं सीएम योगी ने उनकी भी ताजा स्थिति के संबंध में जायजा लिया और जरूरी निर्देश दिए। इन शहरों में आगरा, लखनऊ, कानपुर, गौतमबुद्ध नगर और मेरठ शामिल हैं। योगी जी ने श्रमिकों और बेरोजगार युवाओं को राज्य में ही रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने के संबंध में चर्चा की और अधिकारियों को इस सम्बन्ध में आवश्यक निर्देश दिए।
इस निर्देश में कुछ अन्य बातें भी शामिल हैं जैसे-
- प्रयागराज में फंसे 10000 छात्र-छात्राओं को उनके घर पहुंचाने की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए।
- कोटा से जो 11000 छात्र-छात्राएं आये हैं उनको परीक्षण कराकर घरों में क्वॉरेंटाइन में रखकर देख रेख किया जाए।
- बुधवार से मध्यप्रदेश में फंसे मजदूरों को वापस लाने की व्यवस्था शुरू की जाए।
- प्रदेश में आए सभी प्रवासी श्रमिकों व युवाओं के लिए गांवों, तहसील और संबंधित जिलों में 15 लाख रोजगार व नौकरियां मुहैया कराने के लिए बनाई गई कमिटी के कार्यो की प्रगति का जायजा लिया।
सीएम योगी ने यह भी कहा कि लॉकडाउन के बाद राज्य में स्थिति बिल्कुल सामान्य रखने का प्रयास किया जा रहा। राज्य में बहार से लौटने वाले प्रवासी श्रमिकों के कारण बेरोजगारी बढ़ने की उम्मीद है, इसके लिए प्रदेश सरकार (Yogi Sarkar) पहले से ही तैयार है। लॉकडाउन के दौरान घर घर जाकर डिलीवरी के माध्यम से 1।5 लाख से अधिक लोगों को प्रत्यक्ष रूप से रोजगार प्रदान किया है। सरकारी निर्माण कार्य, मनरेगा, एमएसएमई उद्यमों और स्वैच्छिक संगठनों के माध्यम 15 लाख लोगों को तत्काल रोजगार प्रदान करने की व्यवस्था की गयी है।