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स्टार्टअप इंडिया प्रोग्राम: नए आइडियाज के साथ शुरू करें बिज़नेस

Startup India Program for business with innovative ideas

Startup India Program for business with innovative ideas

स्टार्टअप इंडिया कार्यक्रम (Startup India Program) की शुरुआत भारत सरकार द्वारा 16 जनवरी, 2016 में की गयी थी। सरकार की इस पहल से लोगों में जागरूकता आनी शुरू हुई है, और बहुत से युवा स्टार्टअप इंडिया प्रोग्राम से जुड़कर नए तरीकों से अपना व्यवसाय प्रारम्भ कर चुके हैं। इनमें ज्यादातर व्यवसाय वेब-साइट या एप्लीकेशन बेस्ड है। हालाँकि अधिकतर स्टार्टअप मेट्रो और टीयर-1 शहरों में ही हुए और उनमें भी बंगलोर ने बाजी मारी है, लेकिन कुछ समय से बैंगलोर, दिल्ली और मुंबई के अलावा छोटे शहरों में भी कुछ स्टार्टअप्स देखने को मिले हैं भले ही वो छोटे पैमाने पर हों। इन स्टार्टअप्स से जहाँ एक ओर युवाओं को उद्यमी बनने में मदद मिल रही है वहीँ दूसरी ओर इससे जुड़कर भारी संख्या में लोगों को रोजगार मिल रहा है, जिससे भविष्य में देश में बेरोजगारी की समस्या पर अंकुश लगाने में भी मदद मिलेगी। भारत में ओला, ओयो-रूम्स, स्विग्गी और पेटीएम जैसे बड़े स्टार्टअप्स इसका प्रमुख उदहारण हैं।

क्या होता है स्टार्टअप:

स्टार्टअप उस बिज़नेस को कहते हैं जो किसी नवीन विचारों और बिज़नेस आइडियाज के आधार पर विकसित हुई हो, जिनके जरिये कोई नया व्यवसाय शुरू किया जाता है या पुराने बिज़नेस में बदलाव करके नये रूप में शुरू किया जाता है। ऐसे बिज़नेस सीधे तौर पर परम्परगत नहीं हो सकते और ये अधिकतर एप्लीकेशन या वेब बेस्ड होते हैं तभी इनमें नवीकरण एवं इनोवेशन संभव हो पाता है। लेकिन ऐसा जरुरी नहीं है की आप वेबसाइट या एप्लीकेशन आधारित बिज़नेस को ही स्टार्टअप की श्रेणी में रख सकते है, यदि आपके पास ऐसा विकल्प और अभिनव(innovative) व्यापार मॉडल है तो आप कोई भी स्टार्टअप शुरू कर सकते हैं।

भारत के सन्दर्भ में स्टार्टअप एक इकाई है, जिसको पंजीकृत हुए 5 साल से अधिक न हुआ हो तथा जिसका सालाना कारोबार एक वित्तीय वर्ष में 25 करोड़ रुपये से अधिक न हो और जो अभिनव (innovative) व्यावसायिक मॉडल पर कार्य करती हो।

स्टार्टअप इंडिया का उद्देश्य:

इस योजना का उद्देश्य स्टार्टअप अभियान को घर घर पहुंचा कर देश के युवाओं और बेरोगारों को प्रगतिशील विचारों (innovative ideas) के साथ स्वरोजगार के लिए प्रेरित करना था। साथ ही भारत की इकॉनमी में तेज़ी लाने और बेरोजगारी से राहत दिलाने के लिए भी ये महत्वपूर्ण है।

स्टार्टअप इंडिया कार्यक्रम के भाग:

भारत सरकार ने स्टार्टअप प्रोग्राम के तहत ऐसे व्यवस्था की है जिससे की उद्यमियों को अपना बिज़नेस चलाने में अधिक से अधिक सुविधा और प्रोत्साहन मिल सके, इसके लिए सरकार ने एक इंफ्रास्ट्रक्चर डेवेलप कर रखा है, जिन्हें जानना हर एक स्टार्टअप उद्यमी के लिए आवश्यक है।

1. सुविधा और प्रारंभिक सहायता (Facility and Initial Help):

2. समर्थन और वित्त पोषण (Support and Funding):
3. उद्योग-अकादिमक साझेदारी और विकास (Industry-Academic Partnership and Development):

इस तरह से स्टार्टअप के लिए अनेक प्रकार की सुविधाएँ देकर सरकार स्टार्टअप क्रांति लाना चाहती है और, ऐसा अनुमान है की साल 2020 तक ढाई लाख लोग स्टार्टअप के लिए काम कर रहे होंगे। ये स्पष्ट रूप से दिखाई पड़ता है की इससे देश की अर्थव्यवस्था में व्यापक सुधार होने की संभावना है।

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