ग्लोबल vs. लोकल: एक ग्लोबल बीमारी ने देश को इतना लोकल कैसे बना दिया

In India Global vrs Local Product

माननीय प्रधानमंत्री जी का Lockdown के तीसरे चरण के लगभग उत्तरार्ध पर बेहद सधा हुआ आवाहन था। आवाहन कई तरह से महत्वपूर्ण था और आगे की दिशा […]

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कविता – तुमसे बेहतर लिखती हूँ, पर जज़्बात तुम्हारे अच्छे हैं

Best Poem of the Year 2020

कविता – तुमसे बेहतर लिखती हूँ, पर जज़्बात तुम्हारे अच्छे हैं: मैं तुमसे बेहतर लिखती हूँ, पर जज़्बात तुम्हारे अच्छे हैं ! मैं तुमसे बेहतर दिखती हूँ, […]

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दो पीढ़ियों का अंतर – हमारा और हमारे बच्चों का बचपन

Do pidhiyon ka bachpan

छोटा सा गांव मेरा, मुट्ठी भर लोग चारो तरफ धन धान्य से परिपूर्ण खेत, फलदार बाग, फूलों से भरे बगीचे, दूर तक हरी चादर ओढ़े जमीन, लबालब […]

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देश प्रेम: जिनके लिए देश पहले आता है – पूर्व नौसैनिक संदीप पाण्डेय

कोरोना की त्रासदी से समूचा देश जूझ रहा है

आज कोरोना की त्रासदी से समूचा देश जूझ रहा है। सरकार लोगों को बचाने के प्रयासों में जी जान से जुटी है। इन सरकारी प्रयासों के साथ […]

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कोरोना लॉकडाउन: मानव जाति के लिए अभिशाप व प्रकृति संतुलन के लिये वरदान

लॉकडाउन का सकारात्मक पक्ष क्या है

जैसा कि हम जानते हैं कि नदियों की सफाई, जलवायु संरक्षण या प्रदूषण नियंत्रण आदि के नाम पर हर साल भारत सरकार या विश्व कि अन्य सरकार […]

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