ग्लोबल vs. लोकल: एक ग्लोबल बीमारी ने देश को इतना लोकल कैसे बना दिया
माननीय प्रधानमंत्री जी का Lockdown के तीसरे चरण के लगभग उत्तरार्ध पर बेहद सधा हुआ आवाहन था। आवाहन कई तरह से महत्वपूर्ण था और आगे की दिशा […]
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सामान्य लेख
माननीय प्रधानमंत्री जी का Lockdown के तीसरे चरण के लगभग उत्तरार्ध पर बेहद सधा हुआ आवाहन था। आवाहन कई तरह से महत्वपूर्ण था और आगे की दिशा […]
Read moreजैसा कि हम जानते हैं कि नदियों की सफाई, जलवायु संरक्षण या प्रदूषण नियंत्रण आदि के नाम पर हर साल भारत सरकार या विश्व कि अन्य सरकार […]
Read moreभूमि, पूंजी, श्रम और उद्यम – किसी भी व्यापार की ये चार कड़ियां जो 18वी शताब्दी में आत्मसात की गई थी, आज भी उतनी ही सार्थक है। […]
Read moreमाँ एक ऐसा शब्द जिसको सुनते ही चेहरे पर अनायास मुस्कान आ जाती है, आज तक कोई भी माँ के प्यार को शब्दों में नहीं पिरो पाया […]
Read moreकोरोना वायरस (Coronavirus) महामारी के कारण हुए Lockdown से देश में सभी तरह कि मानवीय गतिविधियां लम्बे समय तक बंद हैं, जिसने प्रकृति को पुनर्जीवन दिया है […]
Read moreराष्ट्रीय और वैश्विक स्तर पर जितनी एकरसता Lockdown के 20 दिनों में थी, उतनी मुझे पिछले 10-12 दिनों में नही दिखी। खासकर कुछ अच्छे अंग्रेजी अखबारों में। […]
Read more22 मार्च 2020, हम सभी अपने जीवन काल में पहली बार जनता कर्फ्यू के लिए उत्साहित थे, हम घर में बंद हो गए और इनडोर गेम खेला, […]
Read moreकई बार समष्टि में अकेले पन का एहसास होता है और ये एहसास तब खतरनाक होता है जब व्यक्ति या समूह द्वारा ये मान लिया जाता है […]
Read moreआज कल पेपर पढ़ना बड़ी बोरियत का काम हो गया है कब शुरू होता है और कब खत्म समझ नही आता और लगता है कि कुछ न्यूज़ […]
Read moreआज सुबह ऑफिस जाते वक्त कुछ डर था लेकिन हिम्मत भी थी। डर ये कि पिछली बार आई. डी. कार्ड दिखाने के बाद भी उत्तरीपुरा से उल्टे […]
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