२१ जून को योग दिवस के साथ पड़ने से विशेष होगा ये सूर्य ग्रहण

सूर्य ग्रहण Surya Grahan and Yog Diwwas

वैसे तो २१ जून साल का सबसे बड़ा दिन होता है, इस तारीख को दिन सबसे बड़ा और रात सबसे छोटी होती है। लेकिन इस बार यानि २०२० में कुछ ऐसा संयोग बन रहा है कि अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के साथ ही सूर्य ग्रहण (Solar Eclipse) भी इसी दिन पड़ रहा है। इस बार का ये सूर्य ग्रहण खगोलीय दृष्टि से बहुत ही महत्वपूर्ण होने वाला है। इस बार का सूर्यग्रहण वलयाकार या ‘रिंग ऑफ़ फायर’ के जैसा होगा क्योंकि इस बार चन्द्रमा सूर्य को आंशिक रूप से इस प्रकार ढक लेगा कि सूर्य वलयाकार दिखाई देगा और एक तरफ कुछ ज्यादा चमकीला होगा। इस प्रकार सूर्य एक जलती हुयी अंगूठी (Ring of Fire) के सामान दिखाई देगा। इस दिन सूर्य कर्क रेखा के ठीक ऊपर होगा जिसकी वजह से ये खगोलीय घटना होगी।

इस बार का ग्रहण वलयाकार सूर्यग्रहण होगा, जोकि पूर्ण सूर्यग्रहण से अलग होगा। सूर्यग्रहण 3 तरह के होते हैं –
१- पूर्ण सूर्य ग्रहण
२- आंशिक सूर्य ग्रहण
३- वलयाकार सूर्य ग्रहण

पिछला इतिहास:

ऐसा ही वलयाकार सूर्य ग्रहण आज से करीब २५ साल पहले २४ अक्टूबर १९९५ को लगा था जिसमें सूर्य “रिंग ऑफ़ फायर” कि तरह दिखा था। उस समय दोपहर में ही शाम होने जैसा नजारा दिखा था। और अब २५ साल बाद २१ जून २०२० को फिर से वही खगोलीय घटना दोहराई जाएगी। उस समय इस ग्रहण को लेकर लोगों में काफी उत्साह था और जगह जगह सूर्यग्रहण देखने कि व्यवस्था व आयोजन किए गए थे। लेकिन इस इस बार Covid-19 के कारण लोग पहले से ही अपने घरो में कैद हैं और महामारी के इस संकट भरे दौर में लोगों का उत्साह २५ साल पहले जैसा नहीं दिखाई पड़ रहा।

कहाँ दिखेगा क्या और होगा ग्रहण काल:

इस बार ये सूर्य ग्रहण भारत, पाकिस्तान, UAE, चीन मध्य अफ्रीका, कांगो, इथियोपिया सहित अफ्रीका के कुछ देशों में दिखाई देगा। २१ जून को होने वाले इस सूर्य ग्रहण कि अवधि ३ घंटे २५ मिनट की होगी। इस दिन, दिन की अवधि 13.45 घंटे और रात की अवधि 10.35 घंटे की होगी लेकिन इस दिन के बाद से दिन छोटे और रातें लम्बी होना भी शुरू हो जाएँगी। ये सूर्यग्रहण इसलिए भी खास है क्योंकि इस बार ये २१ जून यानि अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के दिन पड़ रहा है।

योग दिवस और ग्रहण का संयोग:

देखना दिलचस्प होगा कि लोग सूर्यग्रहण में योगाभ्यास का आयोजन किस प्रकार करेंगे। हमारे देश में तो वैसे भी सूर्यग्रहण के दौरान योगाभ्यास और मंत्र जाप करने की परंपरा रही है। योग दिवस होने से ये दिन और भी खास होने वाला है, लेकिन समस्या ये है कि अधिकांश लोग इस दौरान घर में रहकर ये सब करते हैं। ऐसे में योग दिवस पर होने वाले सामूहिक आयोजनों में लोग जायेंगे या नहीं ये अभी फ़िलहाल नहीं का जा सकता।

सूर्य ग्रहण का समय कब से कब तक होगा ?

ग्रहण कि शुरुआत सुबह 10 बजकर 17 मिनट से होगी
ग्रहण का मध्य काल दोपहर में 12 बजकर 10 मिनट पर होगा
ग्रहण दोपहर 2 बजकर 2 मिनट पर समाप्त हो जायेगा
आंशिक ग्रहण की समाप्ति दोपहर 3 बजकर 4 मिनट पर होगी, अर्थात सूर्यग्रहण का आंशिक असर भी समाप्त हो जायेगा।

किन सावधानियों को अपनाना होगा:

सूर्य ग्रहण का आनंद लेने के लिए और इस खगोलीय घटना का साक्षी बनने के लिए हमें कुछ जरुरी सावधानियां बरतनी पड़ेंगी, पहली बात तो सूर्य-ग्रहण को कभी नंगी आँखों से देखना वर्जित , क्योंकि इससे आँखों को नुक्सान पहुंच सकता है। हमेशा दूरबीन, टेलीस्कोप, ऑप्टिकल कैमरा व्यूफाइंडर आदि से ग्रहण को देखनाबताया गया है। इसके पीछे कारण ये है कि इस दौरान सूर्य से निकलने वाली तेज़ अल्ट्रावायलेट किरणें शरीर और आँखों को नुकसान पंहुचा सकती है। इसलिए ग्रहण के दौरान लोग बाहर निकलने से भी यथासंभव बचते हैं।

भारतीय परंपरा में ग्रहण को अशुभ माना जाता है इसलिए इस दौरान कोई भी शुभ कार्य नहीं होता और लोग खाने पीने से बचते हैं। खाने पीने की चीज़ोँ में तुलसी पत्ते डालते हैं और ग्रहण के बाद स्नान – दान करते हैं। गर्भवती महिलाओं को घर में रहकर संतान गोपाल मंत्र का जाप करने को कहा जाता है।

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