Success Story: गांव के इस लड़के ने जुगाड़ से बनाने शुरू किये वीडियो और अब Entrepreneur बनकर कर रहा है ऑनलाइन कमाई

MN Hemant Success Story

कल्पना करिये कि आप किसी ऐसे परिवार से ताल्लुक रखते हों जहाँ आपके पिता खेतों में काम करके आपको पढ़ाने लिखाने और आपके भविष्य के सपनों को पंख देने के लिए पाई पाई जोड़ने में लगे हों और आपकी माता स्कूल में खाना बनाती हों और उनके मन में भी आपके लिए कुछ सपने हों। सभी के माँ बाप अपने बच्चे के लिए कुछ सपने देखते हैं और उसकी आवश्यकताओं को पूरा करने का प्रयास करते हैं। ऐसे में अगर आप ये जिद कर बैठें कि आपको पढाई न करके कुछ और करना है। यहाँ से शुरू होती है Success Story of MN Hemant.

ये कहानी है एक ऐसे प्रतिभाशाली लड़के की जिसने कई सारे अभावों के रहते हुए भी हार नहीं मानी और अपने सफलता की कहानी अपनी जिद और दृढ निश्चय के बल पर खुद लिखी। यहाँ हम बात कर रहे हैं हेमंत महतो (MN Hemant) की जो बोकारो जिले के एक छोटे से गांव से आते हैं। इनके पिता एक किसान हैं और माँ गृहणी होने के साथ एक सरकारी स्कूल में बच्चों के लिए खाना बनाने का काम करती हैं। इस समय हेमंत कुमार एक डिजिटल मार्केटर, You-Tuber और एक एंटरप्रेन्योर हैं। हेमंत 10 वीं पास थे जब उन्होंने You-Tuber बनने का निर्णय लिया।

आपने अकसर लोगों को ये कहते हुए सुना होगा कि ‘अवसर खोजना पड़ता है, मिलता नहीं’। तो MN Hemant ने भी यूट्यूब के जरिये अपने करियर का रास्ता चुना। ये उन दिनों की बात हैं जब जिओ नया नया लांच हुआ था और हेमंत ने उसी साल 10th बोर्ड टॉप किया था और उनकी फोटो न्यूज़ पेपर में भी छपी थी, उनके परिवार और शुभचिंतको को ये लगने लगा की अब ये लड़का इंजीनियर बनेगा या कुछ बड़ा करेगा।

हेमंत अब 12th क्लास में पहुंच चुके थे, उनके पास एक एंड्राइड फ़ोन था और किसी दोस्त से उन्हें ये पता चल गया की यूट्यूब के जरिये पैसा कमाया जा सकता है। उनके पास वीडियो बनाने के लिए इस मोबाइल फ़ोन के अलावा कुछ नहीं था, फिर भी उन्होंने उसी से वीडियो बनाने का निर्णय लिया और शुरू में मोबाइल को टेबल फैन के ऊपर लगा के वीडियो शूट किया करते थे। उनके पास कैमरा, लाइटिंग सेटअप, ट्राइपॉड, माइक्रोफोन, एडिटिंग टूल जैसे आवश्यक गैजेट नहीं थे और न ही अच्छा स्मार्टफोन। किसी तरह हेमंत ने अपनी प्रसिद्ध भारतीय संस्कृति के “जुगाड़” के साथ अपने वीडियो बनाने में कामयाबी हासिल की। अब, जब वो भी अपने संघर्षों को देखते हैं तो उनको भी यही लगता है कि उन्होंने बिना पर्याप्त संसाधन के यह सब कैसे कैसे किया। लेकिन इंग्लिश में एक कहावत हैं “God helps those who help themselves” मतलब भगवान भी उसी की मदद करता है जो अपनी मदद स्वयं करते है।

शुरू में तो बहुत काम व्यूज आते थे और कमेंट में भी उन्हें हतोत्साहित किया जाता लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और वीडियो बनाने में लगे रहे। धीरे धीरे उनमें बोलने के लिए आत्मविश्वास आने लगा और उनके व्यूवर्स की संख्या भी बढ़ने लगी। इस तरह से 2 साल में उनके सब्सक्राइबर्स की संख्या 100, 500, 1000, 10000 होते हुए 1 लाख तक पहुंच गयी। और उनके 12 वीं का एग्जाम समाप्त होने के अगले ही दिन उन्हें YouTube की तरफ से सिल्वर प्ले बटन प्राप्त हुआ। कम संसाधनों और अभावों से जूझते हुए भी उन्होंने ये मुकाम हासिल किया। आज हेमंत एक सफल You-Tuber हैं और उससे काफी अच्छी खासी इनकम कमा रहे हैं।

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