प्रधानमंत्री सोलर पैनल योजना- KUSUM क्या है ?

PM Solar Panel Yojna- KUSUM

प्रधानमंत्री सोलर पैनल योजना की शुरुवात किसान उर्जा सुरक्षा और उत्थान महा-अभियान – Kisan Urja Suraksha evam Uthaan Mahaabhiyan (KUSUM) योजना के नाम से बिजली और नई व नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय के अंतर्गत इस योजना की शुरुआत हुई थी। 2018 में बजट सत्र के दौरान वित्त मंत्री अरुण जेटली द्वारा इस योजना की घोषणा की गयी थी। इस योजना के अंतर्गत किसानों को सिंचाई के लिए डीज़ल पम्पस के विकल्प के रूप में सौर ऊर्जा पैनल (Solar Panel) से चलने वाले पम्पस को उपलब्ध करना है। सरकार का लक्ष्य 2022 तक देश में तीन करोड़ सिंचाई पंप को डीजल पम्पस की जगह सौर ऊर्जा से चलाने का है। सोलर रूफटॉप योजना के अंतर्गत घर, कंपनी या कारखाने की छत पर भी सोलर पैनल लगवा सकते हैं।

Kisan Urja Suraksha Evam Uthaan Mahaabhiyan (KUSUM):

किसानों को सोलर पैनल पम्पस के लिए प्रोत्साहित करने के लिए 2020 के बजट सत्र में सरकार द्वारा एक और बड़ा ऐलान किया गया है कि सरकार किसानों को सब्सिडी के रूप में सोलर पंप की कुल लागत का 60% रकम देगी, इसमें 30% केंद्र सरकार की तरफ से तथा 30% राज्य सरकार की तरफ से दिया जायेगा। इसके पहले केवल 30% ही सब्सिडी मिलती थी। पहले चरण में 17 .5 लाख सिचाई पम्पो को सोर पैनल की सहायता से चलाने की योजना बनायी गयी है। प्रधानमंत्री सोलर पैनल योजना – KUSUM के अंतर्गत किसान को दो तरह से लाभ देने का प्रावधान किया गया है- पहला, सोलर पैनल से सिंचाई और दूसरा, अतिरिक्त बिजली को विद्युत् वितरण कंपनी DISCOM को बेचकर अतिरिक्त आय को प्राप्त करना।

कहाँ लगवा सकते हैं सोलर पैनल:

खेत में या बंजर जमीन पर (कुसुम योजना के लिए)- यहाँ पर आप सोलर पैनल लगवा सकते हैं जिससे आपको सिंचाई के लिए बिजली मिलेगी, यदि आप अतिरिक्त आय चाहते हैं तो खेत में ही या अपनी ही बंजर जमीन पर और अधिक सोलर पैनल लगवा कर अतिरिक्त बिजली को सरकार या प्राइवेट विद्युत् कंपनी को बेच सकते हैं।

घर की छत पर (रूफटॉप योजना के लिए)- घर की खाली पड़ी छत पर भी सोलर पैनल लगवा सकते हैं, इससे आपका बिजली का खर्च भी बचेगा और अतिरिक्त बिजली को बेच सकते हैं।

कंपनी या कारखाने की जमीन या छत पर (रूफटॉप योजना के लिए)- इसमें भी आपको बिजली के खर्चे की बचत होगी और बची हुई बिजली को सरकार या प्राइवेट कंपनी खरीद लेगी।

योजना से जुड़ी कुछ मुख्य बातें:

  • 1 किलोवाट के सोलर पैनल के लिए 10 वर्ग मीटर जगह चाहिये।
  • बिजली कंपनियों द्वारा 30 पैसे प्रति यूनिट के हिसाब से भुगतान किया जायेगा।
  • 1 मेगा वाट का सोलर प्लांट लगाने के लिए 5 एकड़ जमीन चाहिये।
  • एक वर्ष में 1 मेगा वाट का सोलर प्लांट 11 लाख यूनिट बिजली उत्पन्न करने में सक्षम है।
  • इस हिसाब से एक साल में आपको 3.30 लाख रुपये की आय प्राप्त होगी।
  • सोलर प्लांट बंजर जमीन पर लगेंगे।
  • किसानों को कुल लागत का 60% सब्सिडी तथा 30% लोन मिलेगा।
  • उन्हें केवल 10% रकम ही अपने पास से खर्च करनी होगी।
  • सोलर प्लांट लगवाने के लिए जमीन विद्युत् सब-स्टेशन से 5 किलोमीटर के दायरे में होनी चाहिए।
  • Solar Pump लगवाने के लिए सब-स्टेशन से दूरी का कोई प्रतिबन्ध नहीं है।

Solar Panel Yojana के लाभ एवं उद्द्येश्य:

  • सिंचाई के लिए प्रयोग में आने वाले सभी डीजल एवं बिजली के पंप या ट्यूब वेल को सौर ऊर्जा से चलाना।
  • मौसम की अनियमितता का प्रभाव काम होगा और डीज़ल तथा बिजली पर निर्भरता कम होगी।
  • अतिरिक्त बिजली का उत्पादन होने से गांवों में बिजली की समस्या से मुक्ति मिलेगी।
  • सोलर बिजली का उत्पादन एवं वितरण करके किसान की आर्थिक स्थिति में सुधार होगा।
  • किसानों की बंजर पड़ी भूमि का सार्थक उपयोग होगा।
  • सोलर विद्युत् का उत्पादन बढ़ने से बिजली की बचत होगी।

सोलर पैनल या सौर ऊर्जा प्लांट लगवाने के लिए क्या करें:

यदि आप सोलर पैनल या सौर ऊर्जा प्लांट लगवाना चाहते है तो इसके लिए आपको MNRE की आधिकारिक वेबसाइट https://mnre.gov.in पर जाकर आवेदन करना होगा। लेकिन उससे पहले हमारा सुझाव है की आप इस योजना से जुड़े समस्त दिशा निर्देशों का अच्छे से अध्ययन कर लें, जोकि इस वेबसाइट पर दी हुई हैं। आवेदन करने से पहले सभी आवश्यक दस्तावेजों को सहेज लें।

आवश्यक दस्तावेज:

Pradhan Mantri Solar Panel Yojana का लाभ लेने के लिए निनलिखित दस्तवेज होने चाहिए।
1. आधार कार्ड
2. पत्र व्यवहार का पता
3. मोबाइल नंबर
4. भूमि सम्बन्धी दस्तावेज (खसरा- खतौनी)
5. घोषणा पत्र
6. बैंक पासबुक
7. फोटोग्राफ

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