माँ : मेरे जीवन में माँ का स्थान – मातृ दिवस विशेष

मेरे जीवन में मेरी माँ का स्थान

माँ…! सभी की माँ उसके लिए बहुत प्यारी होती है। उसी प्रकार मेरी माँ भी मेरे लिए बहुत कुछ है। यह शब्द सभी की जिंदगी की शुरुआत से ही जुड़ा होता है। माँ के स्नेह में हर वो ख़ुशी मिलती है जो किसी जन्नत से बढ़कर है और जिसका कोई मोल नहीं है।

कुछ समय पहले की बात है मेरे कॉलेज की परीक्षाएं पास आ रही थीं और लगभग एक सप्ताह पहले मेरी मम्मा को मामा की शादी में जाने के लिए निमंत्रण आया हुआ था तो फिर मेरे परीक्षाओं से चार दिन पहले मेरी मम्मा मुझे यह बोलकर गयी कि जब तक परीक्षाएँ शुरू होगी तब तक मैं वापिस आ जाऊंगी।

जब मेरी मम्मा रात की ट्रेन से चली गयी तो खुद पर मुझे बहुत काम का बोझ सा लगने लगा सारे काम की टेंशन सी होने लगी। काम करने का डर नही था बस यह था कि समय पर काम और पढ़ाई दोनो साथ साथ हो पाएगी या नहीं। फिर पूरे दिन रात यूँ ही जल्दी जल्दी बीत गये। वह शादी के भी सारे कार्यक्रम अच्छे से निपट गए सभी ने बहुत आंनद लिया, और समय के चलते ही मम्मी के घर वापिस आने का समय आ गया और अगली सुबह मेरे पहले एग्जाम के दिन मम्मा घर वापिस आ गयी। सुबह के टाइम, मैं अपनी पढ़ाई में लगी हुई थी और मम्मा इतने लंबे सफर के बाद वापिस आयी थी लेकिन थोड़ा आराम करने के बाद मम्मा सीधा घर के कामों में लग गयी। हर माँ अपने बच्चों के लिए बहुत कुछ करती है पर कभी भी बच्चें को उसकी कीमत समय रहते पता ही नहीं चलती ।

अब हम सभी के माँ के लिए मेरी तरफ से कुछ पंक्तिया है – पर ये सब माँ की छवि के आगे कुछ नहीं है।

यह शब्द सभी की जिंदगी की शुरुआत से ही जुड़ा होता है।
हर खुशी में माँ, हर गम में माँ, मेरे जिंदगी के हर पहलू में माँ।
मेरे सभी दर्द को भांप लेती है और मेरे आँसुओं को नाप लेती है।
इसलिए जिंदगी के हर कदम में माँ।
हर पल में खुशी देती है, एक पल में दुःख हर लेती है।

और तो और, अपनी जिंदगी से जन्म देती है वो माँ है जनाब !
भगवान क्या है ! माँ की पूजा किया करो क्योंकि भगवान को भी जन्म देती है माँ !!
हर समय अपनी नींद उड़ा देती है और हमको सहारा देती है !
भूख अपनी भुलाकर हमको खिलाया करती है !!
कभी दुख मत देना साहिब उसको जो हमें जन्म देती है।

माँ एक जन्नत का फूल है, अपने बच्चे को प्यार करना उसका उसूल है !!
दुनिया की सारी मोहबतें फजूल है, और उस माँ की हर दुआ कबूल है !
माँ को नाराज़ करना भी तेरी एक भूल है, माँ के कदमो की मिट्टी भी जन्नत की धूल है !!

माँ क्या है जनाब, जितना भी लिखो बहुत ही कम है !

मैं जैसा भी हूं, पर माँ मैं आज भी तेरा बच्चा हूं !
उस माँ के बिना जिंदगी विरान होती है, अकेले सफर में हर राह सुनसान होती है !!
माँ की दुवाओं से ही मेरी हर मुश्किल आसान होती है।

अंत में कुछ ओर शब्द हम सभी की माँ के लिए :

जग में सबसे न्यारी है, मेरी पालनहारी है !
तेरे ममता के आंचल में मुझे कुछ न होगा,
तू मेरी अच्छी किस्मत लिखने वाली है !
तू जग में सबसे प्यारी है, तू जग में सबसे प्यारी है !!

#Love_You_Mamma
लेखिका – रितिका जायसवाल, दिल्ली

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