क्या सिर्फ मोदी ही स्वच्छ भारत मिशन (Swachh Bharat Mission) की विफलता के जिम्मेदार हैं ??

Swachh Bharat Mission

स्वच्छ भारत अभियान (Swachh Bharat Mission) या स्वछता की रैली आये दिन रोज हो रही है। हो भी क्यों न, जागरूक करने में कोई बुराई नहीं है, समाज की पहचान ही स्वास्थ्य और स्वच्छता के स्तर से होती है। जिस समाज के लोग गन्दगी में रहते हों और स्वास्थ्य के स्तर पर कमजोर हों उन्हें सभ्य या विकसित कैसे कहा जा सकता। स्वच्छ समाज ही स्वस्थ रहता है, देश स्वच्छ होगा, तो स्वस्थ और समृद्ध होगा।

वास्तव में इस अभियान (Swachh Bharat Mission) में सफलता तभी मिलेगी, जब हम इसे सिर्फ फोटो प्रदर्शित करने के लिये नहीं, बल्कि स्वछता की आदत को व्यवहार में लाने पर ही संभव होगा।

मुझे आज भी याद है वह घटना जब मैं अपनी ६ साल की बेटी के साथ लखनऊ से अयोध्या आ रही थी। रास्ते में बस भिटरिया के एक ढाबे पर आ कर रुकी। मेरी बेटी ने चाट खाने के लिए कहा, मैं बस से उतर कर बेटी को चाट दिलाई। वहां पर और भी पढ़े लिखे सभ्य लोग भी चाट खा रहे थे। मैंने देखा कूड़ादान होने के बावजूद भी लोग पत्तलों को इधर उधर ही फेंक रहे थे।

मैंने अपनी बेटी को सिखाने के बावजूद उसने भी लोगों की देखा देखी पत्तल जमीन पर फेंक दिया, मैं उसके तरफ देख कर बोली, अपनी पत्तल उठाओ और प्लेट में डालो।
बेटी: मम्मी ! और लोगों ने भीं तो इधर ही फेंका है।
मैं : तो क्या हुआ, पर तुम कूड़ेदान में ही फेंकोगी।
बेटी: सॉरी मम्मी! अगली बार से जरूर ध्यान रखूंगी।
मैं : जी नहीं, अभी पत्तल उठाओ और कूड़ेदान में डाल कर आओ।
बेटी: पर मम्मी, अभी अंकल-आंटी और सब लोग देख रहे हैं।
मैं: तो क्या हुआ ये अच्छी आदत नहीं है।
बेटी: माँ सब लोग इधर ही फेंक रहे थे तो मैंने भी फेंक दिया।
मैं: लोग कुछ भी करेंगे तो आप भी वही करोगे, फिर सब लोगों में और तुम में फर्क क्या रहेगा ?

मेरे स्ट्रिक्ट होने पर बेटी ने इधर उधर देखा और फिर उदास मन से पत्तल को उठा कर कूड़ेदान में डाल दिया पर और लोगों ने अपनी जूठी पत्तल इधर उधर फेंकी हुई थी, अब उनका चेहरा देखने लायक था।
लेकिन बाद में जो हुआ वो देख कर सारे बड़े लोग हैरान थे, बचे लोग जो चाट खा रहे थे उन लोगों ने पत्तल को कूड़ेदान में डाला।
मुझे देख कर आत्म संतोष हुआ, और मेरी बेटी बहुत खुश थी।
वास्तव में कभी कभी हमारे जीवन की छोटी छोटी घटनाएं, लोगों को बहुत कुछ सीखा देती हैं।
मेरे द्वारा अपने बेटी को दी गयी यह छोटी सीख, लोगों पर इतना असर दिखाएगी ये मुझे मालूम नहीं था।
हमे अपने बच्चों को ये संस्कार देना चाहिए की लोग कुछ भी करें पर हमें अपना काम सही करना है।
हम हमेशा दूसरों को दोष् देते रहते हैं, लेकिन अगर हम खुद ये पहल करें तो क्या मोदी, क्या योगी, क्या राहुल, क्या अखिलेश, देश तो अपने आप स्वच्छ हो जायेगा।

मैं दावे के साथ कह सकती हूँ की अगर ऐसा किया जाये तो बच्चों का योगदान सबसे ज्यादा होगा।

किसी भी देश को उसकी सरकार स्वच्छ नहीं बना सकती,जब तक देश का हर नागरिक उसके लिए जागरूक नहीं होगा।आये दिन लोग मोदी, मनमोहन राहुल या फिर योगी, अखिलेश, मायावती को दोष् देते रहते हैं की स्वच्छ भारत मिशन फेल हो गया, सरकार कुछ नहीं करती इत्यादि।

सही मायने में मिशन नहीं हम फेल हुए हैं। ये हमारी विफलताओं का कारण है की देश में सफाई नहीं है। 

शहर के कुछ जागरूक युवा सफाई करते हुए !!

गुरु नानक इंस्टीटूशन्स, नागपुर के स्टूडेंट्स का सफाई अभियान !!

समाज के जागरूक लोग सफाई अभियान को सफल बनाते हुए, हमे इनके कार्यों की प्रसंशा करनी चाहिए !!

Author & Writer : Mrs. Sujata & Khas Press Team

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